नई दिल्ली: बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुरूवार को लोकसभा में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बच्चों के स्वास्थ्य पर जंक फ़ूड के बढ़ते दुष्प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने बताया है कि कोका कोला, नेस्ले समेत करीब नौ कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वो कार्टून चैनलों को विज्ञापन नहीं देंगी। गौरतलब है कि बच्चे अधिकतम कार्टून चैनलों को ही देखते हैं और उस दौरान आने वाले विज्ञापनों से भी बच्चे प्रभावित होते हैं।
सीएसई के एक अध्ययन में कई सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक के अवशेष पाए गए थे। जबकि पैकेज्ड फूड में कीटनाशक के अवशेष नहीं होना चाहिए। इसके आलावा सॉफ्ट ड्रिकं में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा है। ड्रिकं में पेस्टीसाइड रेसिड्यू और एडेड शुगर दोनों ही सबके लिए हानिकारक हैं। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्रालय और फ़ूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया यह प्रावधान बनाने पर भी विचार कर रहा है ताकि पैकेज फ़ूड पर नमक और शर्करा की मात्रा को भी ठीक तरह से इंगित किया जाए।
विज्ञापन मानकों का निर्धारण करने वाली संस्था एएससीआई द्वारा जंक फूड के विज्ञापनों पर कोई रोक लगाने के लिए फिलहाल कोई कानून नहीं है। सरकार ने इस मुद्दे को स्व-नियंत्रण पर छोड़ा है।