आर्थिक संकट के सबसे बुरे दौर से गुजर रही जेट एयरवेज के प्रमोटर और मालिक नरेश गोयल ने चेयरमैन पद और कंपनी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। नरेश गोयल का यह कदम कंपनी के दिवालियापन घोषित होने से बचाने के लिए माना जा रहा है। नरेश गोयल पर पिछले कई सालों से कंपनी के मुख्य प्रमोटर यूएई की एतिहाद एयरलाइंस और बैंकों का दबाव है। कंपनी के प्रमोटर नरेश और अनीता गोयल के दो नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) और एतिहाद एयरवेज का एक नॉमिनी भी बोर्ड से हट गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव विनय दुबे कंपनी से जुड़े रहेंगे। 25 साल पुरानी इस कंपनी को नरेश गोयल ने अपनी पत्नी के साथ 1993 में स्थापित किया था। जेट एयरवेज इस समय गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। निवेशकों से लेकर कंपनी के पायलट तक अब इस कंपनी का साथ छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। जेट एयरवेज के पायलटों और इंजीनियर्स को पिछले तीन महीने से अब तक वेतन नहीं मिल पाया है। पायलटों ने चेतावनी दी है अगर 31 मार्च तक सैलरी नहीं मिली तो आगे वह विमान नहीं उड़ाएंगे।इस महीने की शुरुआत में रॉयटर्स ने रिपोर्ट दी थी कि गोयल चेयरमैन पद छोड़ने के लिए और कंपनी में अपने 51 फीसदी हिस्सा घटाने के लिए राजी हो गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जेट के ऋणदाता गोयल की पूरी हिस्सेदारी खत्म कर सकते हैं और आने वाले समय में नए खरीदार की खोज शुरू कर सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव विनय दुबे कंपनी से जुड़े रहेंगे। 25 साल पुरानी इस कंपनी को नरेश गोयल ने अपनी पत्नी के साथ 1993 में स्थापित किया था। जेट एयरवेज इस समय गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। निवेशकों से लेकर कंपनी के पायलट तक अब इस कंपनी का साथ छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। जेट एयरवेज के पायलटों और इंजीनियर्स को पिछले तीन महीने से अब तक वेतन नहीं मिल पाया है। पायलटों ने चेतावनी दी है अगर 31 मार्च तक सैलरी नहीं मिली तो आगे वह विमान नहीं उड़ाएंगे।इस महीने की शुरुआत में रॉयटर्स ने रिपोर्ट दी थी कि गोयल चेयरमैन पद छोड़ने के लिए और कंपनी में अपने 51 फीसदी हिस्सा घटाने के लिए राजी हो गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जेट के ऋणदाता गोयल की पूरी हिस्सेदारी खत्म कर सकते हैं और आने वाले समय में नए खरीदार की खोज शुरू कर सकते हैं।