नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के पायलटों ने एसबीआई से 1,500 करोड़ रुपए का फंड जारी करने की अपील की है और प्रधानमंत्री मोदी से 20,000 नौकरियां बचाने में मदद करने का अनुरोध किया है। कर्ज पुर्नसंरचना की पिछले महीने तैयार की गई योजना के तहत 1,500 करोड़ रुपए एसबीआई को जेट एय़रवेज में लगाने के लिए कहा गया था। एयरलाइन केवल 6-7 विमानों का संचालन कर रही है, नकदी की भारी कमी के चलते जेट की लगभग पूरी फ्लीट एयरपोर्ट पर खड़ी है।
जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन नेशनल एवियटर्स गिल्ड (एनएजी) ने ‘विमान नहीं उड़ाने’ के अपने फैसले को कुछ समय के लिए टाल दिया है। संगठन ने ऐसे समय में यह निर्णय किया है जब सोमवार को एयरलाइन के प्रबंधन की ऋणदाताओं के साथ बैठक होनी है। नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) के उपाध्यक्ष आदिम वलियानी ने कहा, “हम एसबीआई से एयरलाइन को परिचालन जारी रखने में मदद के लिए 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की अपील करना चाहते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एयरलाइन में 20,000 नौकरियों को बचाने की भी अपील करते हैं।
इससे पहले, एयरलाइन के पायलट, इंजीनियर और केबिन क्रू सदस्य अपनी एकजुटता दिखाने के लिए मुख्यालय में इकट्ठे हुए। जेट एयरवेज के इंजीनियरों और वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ एयरलाइन के पायलटों को आखिरी बार दिसंबर, 2018 में भुगतान किया गया था। इसके अलावा, एयरलाइन ने कर्मचारियों की अन्य श्रेणियों को मार्च में वेतन नहीं मिला है। गिल्ड के एक सूत्र ने बताया, ‘अब तक हमें करीब पिछले साढ़े तीन महीने का वेतन नहीं मिला है और हमें नहीं पता कि हमारा वेतन कब मिलेगा। इसलिए हमने 15 अप्रैल से जहाज नहीं उड़ाने के अपने फैसले के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि वह नए प्रबंधन को कुछ और समय देना चाहते हैं।
कंपनी पर 8000 करोड़ रुपए कर्ज है। अधिकांश विमान खड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी रोक लगी है। कंपनी मैनेजमेंट का कहना है कि हम इस स्थिति को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। जेट एयरवेज ने रविवार को कहा कि एयरलाइन ने एम्सटर्डम, लंदन हीथ्रो और पेरिस से आने-जाने वाले विमानों की सेवाएं भी 16 अप्रैल तक रद्द कर दी हैं। केवल छह-सात विमानों का संचालन कर रहे जेट एयरवेज ने शुक्रवार को इन स्थानों तक अपनी सेवाओं का निलंबन सोमवार तक बढ़ा दिया था।