नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 35A पर सुनवाई टल गई है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यी बेंच ने सुनवाई स्थगित करने का फैसला लिया है। बता दें कि अब इस मामले की सुनवाई 19 जनवरी 2019 के दूसरे हफ्ते में होगी। इससे पहले तक उम्मीद थी कि आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले को संविधान पीठ में भेजने पर फैसला कर सकता है। वहीं जम्मू-कश्मीर में इस आर्टिकल में किसी भी तरह के बदलाव का विरोध हो रहा है. जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल इस आर्टिकल में बदलाव के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। जिस कारण कश्मीर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरी तैयारी कर ली है।
वहीं केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में सितंबर से दिसम्बर तक आठ फेज में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में अनुच्छेद 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होती है तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। केंद्र और राज्य सरकार की मांग को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है।
क्या है आर्टिकल 35A ?
यह कानून 14 मई 1954 को राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की ओर से लागू किया गया था। आर्टिकल 35ए जम्मू और कश्मीर के संविधान में शामिल है, जिसके मुताबिक राज्य में रहने वाले नागरिकों को कई विशेषाधिकार दिए गए हैं। साथ ही राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार है कि आजादी के वक्त किसी शर्णार्थी को वह राज्य में सहूलियतें दे या नहीं। आर्टिकल के अनुसार, राज्य से बाहर रहने वाले लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते, न ही हमेशा के लिए बस सकते हैं।