बागेश्वर: जिला मुख्यालय में आयोजित जिला स्तरीय निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में विभागीय अधिकारी जनप्रतिनिधियों को आंकड़ों में उलझाते नजर आये। दरअसल, बैठक शुरू होते ही सांसद ने अधिकारियों से मनरेगा कार्यों की जानकारी मांगी। इस दौरान हर बार अधिकारी अलग-अलग आंकड़े पेश करते हुये नजर आये। मनरेगा के तहत कार्यदिवस, श्रम दिवस और बजट को लेकर भी अधिकारी सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को गुमराह करते रहे। वहीं जब सांसद ने अधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मांगी। अधिकारियों ने बताया कि हर जरूरतमंदों को आवास देने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है।
गौर करने वाली बात है कि इस बारे में सांसद के समक्ष जो विकास की बुकलेट रखी गयी थी उसमें आंकड़े बेहद चौंकाने वाले थे। बता दें कि अभी तक बागेश्वर ब्लॉक में 21 आवास स्वीकृत किये गये थे जिनमें से केवल एक आवास का काम पूरा हुआ जबकि गरूड़ ब्लॉक में 26 में से अभी तक केवल 5 लोगों ने आवास बनाये हैं। सबसे खराब स्थिति आपदाग्रस्त कपकोट क्षेत्र की है। यहां 33 आवासों में से एक भी आवास नहीं बने हैं। तीनों ब्लॉकों में कुल मिलाकर 80 आवास आवेदन स्वीकृत किये गये जबकि कुल 6 आवास का काम पूरा हुआ है।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष ने गांव में मनरेगा के काम न्याय पंचायत स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर करने और उन कामों की मॉनिटिरिंग ग्राम पंचायत अधिकारियों से करानी की मांग की। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकारी बिना उन्हें जानकारी दिये अपने ही स्तर से योजनाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। जिसका सीधा असर योजना की गुणवत्ता पर पड़ रहा है।