उत्तराखण्ड: पर्यटन विभाग ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होमस्टे योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य के सभी जनपदों में जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। पर्यटन, सचिव दिलीप जावलकर ने जानकारी देते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों ने शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को इन योजनाओं के विषय में बारीकी से जानकारी दी जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक इन योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि इन दोनों ही स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत उद्यमियों को आकर्षक सब्सिडी और ऋण का प्रावधान किया गया है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में किसी भी प्रकार के पर्यटन से संबंधित उद्यम लगाने पर मैदानी क्षेत्रों में 25% तथा पर्वतीय क्षेत्रों में 33% की ऋण सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। जबकि पर्यटक वाहन खरीदने की दशा में मैदानों तथा पर्वतीय क्षेत्रों में एक समान 25% की सब्सिडी दी जाती है।
होमस्टे योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों में 25% साढे सात लाख और पर्वतीय क्षेत्रों में 33% 10 लाख रुपए तक की छूट का प्रावधान किया गया है। यही नहीं ब्याज में भी पहले 5 वर्ष तक मैदानी क्षेत्रों में एक लाख तथा पर्वतीय क्षेत्रों में डेढ़ लाख रुपए प्रतिवर्ष तक की छूट रखी गई है।
उन्होंने कहा की ग्रामीण लोगों को इस योजना की अधिकतम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं और जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। इन शिविरों में पर्यटन विभाग और बैंक के प्रतिनिधियों ने लाभार्थियों को योजना से संबंधित औपचारिकताओं तथा उन्हें सरलता पूर्वक पूरा करने संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने गांव छोड़ चुके लोगों से भी अपील की कि वो अपने गांव वापस लौटकर सरकार की इस योजना का लाभ उठायें अपने पैतृक आवासों तथा छानियों का पुनरुद्धार करें और उन्हें होमस्टे के रूप में संचालित करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार एक बार फिर गांव अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकेंगे।