देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई निर्णय लिए गए। बैठक में 15 बिंदुओं पर चर्चा हुई। कैबिनेट बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी।
- विद्युत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट वर्ष 2017-18 विधानसभा सदन में रखी जाएगी।
- केन्द्रीय विद्युत अधिनियम, विद्युत नियामक आयोग वर्ष 2017-18 विधानसभा सदन में रखी जाएगी।
- आर.एस. टोलिया प्रशासनिक अकादमी के ढांचे में स्थिति संयुक्त निदेशक लोक प्रशासन के पद को उप निदेशक निसंवर्गीय अभियांत्रिकी में स्थानांतरित किया जाएगा।
- 2016 अर्धकुंभ से सम्बन्धित लल्लु जी एंड संस एवं राज्य सरकार के मध्य टेण्डर प्रक्रिया में शामिल शर्तों की अनुमति अर्धकुम्भ समाप्त होने के बाद न मिलने के कारण 1 करोड़ 76 लाख 50 हजार 358 रूपये गृह विभाग से सम्बन्धित एवं 15 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देने की अपील की तारीख निकल जाने के कारण बकाया भुगतान 1 करोड़ 76 लाख 50 हजार 358 रूपये वापस करने की अनुमति दी गयी।
- कौलागढ़ में 28.37 हे0 भूमि वन विभाग को वापस किया जाएगा इसके सीमांकन हेतु राजस्व एवं वन विभाग मिलकर सीमांकन करने हेतु कमेटी बनायी गयी है। इसी से सम्बन्धित 28.6 हे0 भूमि वन विभाग को वापस किया जा चुका है।
- उत्तराखण्ड दण्डादेश निलम्बन नियमावली में संशोधन की अनुमति। इसके अन्तर्गत 2 माह से अधिक दण्डादेश को भी एक कलेण्डर वर्ष में 2 बार किया जा सकता है।
- 2016 संविदा फार्मासिस्टों के वेलनेस सेंटर से सम्बन्धित 600 पदों की भर्ती के स्थान पर अब 1800 से 2000 पदों पर नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। यह प्रक्रिया इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड के अनुसार होगी।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना एनपीएस के अन्तर्गत नियोक्ता की अविधान राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 14 प्रतिशत कर दिया गया है।
- उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग सेवा नियमावली को मंजूरी
- वनाग्नि के मुख्य कारण चीड़ की पत्तियों (पिरूल) को एकत्र करने पर वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दल इत्यादि को 01 रूप्ये प्रति किलो वन विभाग द्वारा दिया जाएगा।
- उत्तराखण्ड सहकारी समिति एवं पंचायतें तथा स्थानीय निकाय की लेखा परीक्षा कार्मिकों की नियमावली को मंजूरी दी गयी।
- नगर निगम के अधीन वित्तीय अधिकार सचिव की अध्यक्षता के स्थान में जनपद में नगर आयुक्त के अधीन कमिटी को दिया गया।
- उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्यान, पर्यटन से सम्बन्धित भूमि 12.5 एकड़ से अधिक भूमि के क्रय एवं लीज की अनुमति दी जाएगी। मैदानी क्षेत्रों में यह सुविधा किसी क्षेत्र के लिए नहीं दी जाएगी।
- क्षेत्र विकास परिषद साडा का विलय एमडीडीए में किया गया। प्राधिकरण में पूर्व से 149 कार्मिकों के अतिरिक्त 39 पदों की स्वीकृति दी गयी। शेष पदो के लिए मुख्य सचिव के अधीन गठित समिति निर्णय लेगी।
- रिट याचिका के परिणाम स्वरूप वन क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत 3 श्रेणियों में वन क्षेत्र को परिभाषित किया गया है।