जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के जम्मू-श्रीनगर हाईवे को आज से हफ्ते में दो दिन के लिए नागरिक यातायात के लिए बंद रखा जाएगा। इस हाईवे को बंद करने करने के फैसले पर विरोध शुरू हो गया है। हफ्ते में दो दिन इस हाईवे को बंद रखने के फैसले पर अमल के लिए बारामूला से उधमपुर के बीच 270 किमी लंबे हाईवे पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त किया गया है। इस फैसले के मुताबिक अब से हर हफ्ते बुधवार और रविवार को इस हाईवे को आम नागरिकों को लिए बंद रखा जाएगा। इस दौरान केवल सुरक्षाबलों का काफिला गुजरेगा। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद ये फैसला लिया गया। जम्मू-कश्मीर के बीच आम नागरिकों के लिए हफ्ते में दो दिन हाईवे बंद करने के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि ये फैसला तानाशाही फैसला है। इसको लेकर विभिन्न राजनितिक दलों और लोगों ने प्रदर्शन भी किया।
पीडीपी महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि अगर सत्क्कर ने ये फैसला वापस नहीं लिया तो आन्दोलन किया जायेगा। जरूरत पड़ने पर इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी ख़ट-खटाया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से व्यापारिक संगठन से जुड़े लोगों ने मुझसे मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि ये हाईवे हमारे लिए लाइफलाइन है। दो दिन इसके बंद होने से काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में ये तानाशाही भरा फैसला दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के मूवमेंट के लिए ट्रेन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा वो चाहते हैं कि सेना या सुरक्षाबल रात में सफर करें। ऐसा होने से आम नागरिकों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ये फैसला तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
ट्वीट कर इस फैसले पर नाराजगी जताई और लिखा कि उरी जा रहा हूं, ये देख सकता हूं कि लोगों को इस फैसले की वजह से कितना परेशान होना पड़ रहा है। पीडीपी ने भी इस फैसले पर विरोध जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, ये फैसला गलत है। कश्मीर के लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने जवानों की सुरक्षा को लेकर ये फैसला किया है। जिसके तहत सुरक्षा बलों के काफिले को सुरक्षित मार्ग देने के लिए जम्मू-श्रीनगर-बारामूला नेशनल हाईवे हफ्ते में दो दिन आम लोगों के लिए बंद रहेगा। यह आदेश 31 मई तक लागू रहेगा।