जम्मू-कश्मीर पर पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सप्ताह के भीतर समीक्षा करे सरकार

Please Share

जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के सरकार के निर्णय के बाद इस पूर्व राज्य में लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय आज फैसला सुना रहा है। वहीँ मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनिश्चितकाल के लिए इंटरनेट पर बैन नहीं लगाया जा सकता। यह संविधान के खिलाफ है, यह शक्ति का दुरुपयोग। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें जम्मू-कश्मीर में मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद करने और लोगों की आवाजाही पर रोक के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कही हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पाबंदियां अवैध तरीके से लगाई गई, इनके जरिए लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया। आर्टिकल 370 हटाने का फैसला हुए कई महीने हो गए, लेकिन अब भी कई तरह के प्रतिबंध जारी हैं।

जम्मू-कश्मीर पर पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सप्ताह के भीतर समीक्षा करे सरकार 2 Hello Uttarakhand News »

जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने इन प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले साल 27 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाए गए प्रतिबंधों को 21 नवंबर को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपने सभी आदेशों को दोबारा देखे और जो गैरज़रूरी हैं, उन्हें वापस ले। कोर्ट ने कहा कि चिकित्सा जैसी आपातकालीन बुनियादी सेवाओं में कोई बाधा न आए और सरकार सभी तरह के आदेशों की समीक्षा करे, उन्हें प्रकाशित करे। कोई भी आदेश न्यायिक समीक्षा से अलग नहीं है।

You May Also Like