श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की समाप्ति के बाद हिरासत में लिए गए अलगाववादियों तथा नेताओं को सरकार ने बांड पर रिहा करने का फैसला किया है। इसके लिए उनसे बांड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार मीरवाइज उमर फारूक के अलावा नेशनल कांफ्रें स के दो, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रें स के एक-एक नेता और दो अन्य ने बांड पर हस्ताक्षर किए हैं। वे हिरासत में लिए गए उन 36 लोगों में शामिल हैं जिन्हें सेंटूर होटल में रखा गया है। पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन, पीडीपी युवा विंग के नेता वाहिद पारा और नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने बांड पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि बांड पर रिहाई उनके किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगाता है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बांड पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा हुए लोगों को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी जो दस्तावेज में निषिद्ध बताए गए हैं। जो भी प्रावधान का उल्लंघन करेगा उसे फिर से हिरासत में ले लिया जाएगा। गौरतलब है कि अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक समेत सात नेताओं ने रिहाई के लिए बांड पर हस्ताक्षर किए हैं। पिछले 47 दिनों से अलगाववादियों तथा विभिन्न पार्टियों के नेताओं को हिरासत में रखा गया है। हिरासत में रखे गए नेताओं को प्रशासन ने बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त पर रिहाई की पेशकश की है।