देहरादून: शिकायतकर्ता देहरादून निवासी द्वारा दिनांक 12.01.2019 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून को इस आशय का दिया कि वह सिमकार्ड/बायोमेट्रिक्स मशीन का काॅन्ट्रेक्टर है और विभिन्न कार्यालयों में बायोमेट्रिक्स का इंस्टाॅलेशन व उनका ए0एम0सी0 का कार्य करता है इसी क्रम में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी अपना कार्य किया था जिसके एवंज में शिकायत कर्ता द्वारा 2 बिल भुगतान हेतु उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में लगाये गये थे, जिनमें से एक बिल जो लगभग 36,000/- रूपये का था जिसका भुगतान हो चुका था तथा दूसरा बिल लगभग 40,000/-रूपये (कुल 76,000/-रूपये) का जिसका भुगतान शेष था। उक्त दोनों बिलो को पास करने के एवंज में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में कार्यरत सीनियर मैनेजर आई0टी0 अशोक यादव द्वारा 12%के हिसाब से दोनों बिलों के एवंज में 9,000/-रूपये रिश्वत स्वरूप शिकायत कर्ता से मांग की गयी। शिकायतकर्ता द्वारा अपने लम्बित देयकों के भुगतान हेतु सीनियर मैनेजर आई0टी0 अशोक यादव से कई बार अनुरोध किया गया एवं भुगतान हेतु कहा गया। परन्तु सीनियर मैनेजर आई0टी0 अशोक यादव द्वारा कमीशन के 12% (9000/-रू0) के भुगतान पर जोर दिया गया। शिकायतकर्ता द्वारा अनुरोध किया कि कमीशन की धनराशि अधिक है, इसे कम कर लो, लेकिन सीनियर मैनेजर आई0टी0 अशोक यादव ने धनराशि कम करने से मना कर दिया। इसके उपरान्त शिकायतकर्ता द्वारा दिनंाक 12.03.2019 को पुलिस अधीक्षक सतर्कता सैक्टर के कार्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुॅचा जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था, मजबूरी में रिश्वत देने को तैयार हुआ और अपने प्रार्थना पत्र पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही चाहता है।
पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून द्वारा शिकायतकर्ता केे शिकायती प्रार्थना पत्र की गोपनीय जांच से आरोप सही पाते हुये नियमानुसार टैªप संचालन हेतु टैªप टीम का गठन किया गया।
आज दिनांक 14.03.2019 को आरोपी सीनियर मैनेजर आई0टी0 अशोक यादव उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड को सतर्कता सैक्टर देहरादून की टैªप टीम द्वारा समय करीब 17ः15 बजे सरकारी स्वतन्त्र गवाहान के समक्ष शिकायतकर्ता से 9,000/-रूपये उत्कोच ग्रहण करते हुये उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के विरूद्व थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर धारा-7 भ्र0नि0अधि0 1988 यथा संशोधित 2018 के अन्तर्गत अपराध पंजीकृत कराकर विवेचना की जायेगी।
निदेशक, सतर्कता महोदय, द्वारा टैªप टीम को बधाई देते हुए उत्साह वर्धन हेतु 10,000/- नकद पारितोषिक देने की घोषणा की।