देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है। मलिन बस्तियों को अतिक्रमण हटाओ अभियान से राहत देने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी। साथ ही तीन साल के भीतर मलिन बस्तियों का नियमितीकरण किया जाएगा। बैठक में उत्तराखंड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी संशोधन नियमावली को मंजूरी दी गई है। जबकि सातवें वेतनमान के भत्तों के लिए वित्त मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में समिति गठित की है।
कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि उत्तराखंड नगर निकाय एवं प्राधिकरण हेतु विशेष प्रावधान प्रावधान 2018 अध्यादेश कैबिनेट में पास किया गया। इसके अंतर्गत लागू तिथि से तीन साल तक कोई भी दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। पूर्व में 2016 के अध्यादेश की नियमावली कब तक लागू रहेगी, जब तक नई नियमावली नहीं बन जाती है। इस अध्यादेश का संबंध केवल मलिन बस्तियों के लिए ही है। किशोरी बालिका सेनेटरी नैपकिन योजना के अंतर्गत प्रति पैकेट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दो रुपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार छह करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड बनाएगी। राज्य पुनर्गठन आयुक्त कार्यालय उत्तराखंड लखनऊ को धन कर संबंधित कार्मिकों को देहरादून वापस बुलाया जाएगा। इस वक्त चार कार्मिक कार्यरत हैं। न्यायालय शुल्क संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी। कोर्ट फीस ट्रेजरी के अतिरिक्त ई-पेमेंट को मिली मंजूरी। यह व्यवस्था नैनीताल हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालय में होगी लागू। उत्तराखंड पुलिस निरीक्षक एवं उप निरीक्षक सेवा नियमावली 2018 को मंजूरी दी गई है। डब्ल्यूएचओ सहायतित उत्तराखंड परियोजना मे 25 आइटीआइ को चुनकर उन्हें अपग्रेड किया जाएगा। उत्तराखंड निवेश सम्मेलन 2018 को मंजूरी, 25 करोड़ का बजट स्वीकृत। 1250 करोड़ जारी करने को मिली मंजूरी।