नई दिल्ली: इटली की एक जर्नलिस्ट ने दावा किया है 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान के बालाकोट (Balakot) में जो हवाई हमला (air strike) किया था उसमें कम से कम जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-mohammed) के 130 से 170 आतंकी मारे गए थे। आईएएफ ने पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रिया रूवरूप बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक में मसूद अजहर के संगठन जैश के कैंप्स को निशाना बनाया गया था।
26 फरवरी को क्या हुआ इसकी पूरी जानकारी
इटली के जर्नलिस्ट फ्रैनेस्का मैरिनो ने इंडियन मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया है। उनका कहना था कि पाकिस्तान बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर झूठ बोल रहा है मैरिनो ने कहा कि पाक अभी तक इस बात को कहता आ रहा है आईएएफ ने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और न हवाई हमले में किसी की मौत हुई है। मैरिनो ने बालाकोट को लेकर अपनी एक रिपोर्ट भी तैयार की है। इस रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान ने कई कोशिशें की दुनिया से जैश के कैंप पर हुई इस कार्रवाई को छिपा दिया जाए। मैरिनो ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास इस बात की हर छोटी से छोटी जानकारी का है कि 26 फरवरी को तड़के बालाकोट में क्या-क्या हुआ।
पाकिस्तान आर्मी ने घायलों को भेजा अस्पताल
मैरिनो ने यह भी लिखा है कि हमले के दो से ढाई घंटे बाद बाद पाकिस्तान आर्मी की एक यूनिटी शिनकियारी बेस कैंप से स्ट्राइक वाली जगह आई थी। उनकी मानें तो आईएएफ ने सफलतापूर्वक जैश के आतंकी कैंप्स को निशाना बनाया था। सूत्रों के हवाले से मैरिनो ने बताया है कि पाक आर्मी की यूनिट उस जगह पर आई थी और उसने हरकत-उल-मुजाहिद्दीन कैंप में घायल हुए लोगों को अस्पताल भेजा था। यह कैंप शिनकियारी में ही था। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें इलाज दिया। मैरिनो के मुताबिक सूत्रों ने उन्हें बताया है कि कम से कम 45 लोग अभी तक अस्पताल में भर्ती हैं और मिलिट्री कैंप्स में इनका इलाज चल रहा है। वहीं 20 ऐसे हैं जिनकी इलाज के दौरान ही मौत हो गई।
सेना की कस्टडी में आतंकी
जो आतंकी ठीक हो गए हैं उन्हें पाकिस्तान सेना ने अपनी कस्टडी में रखा है। मैरिनो ने कहा है कि उनके पास जो भी इनपुट्स हैं, वे सभी इस क्षेत्र में मौजूद उनके सबसे विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से उन्हें मिले हैं। मैरिनो ने बताया कि 130 से लेकर 170 तक की संख्या में आतंकी मारे गए हैं। मारे गए लोगों में 11 ट्रेनर्स भी थे जो बम बनाने से लेकर हथियारों की ट्रेनिंग से जुड़े थे। उन्होंने यह भी कहा है कि जैश आतंकी उन लोगों के परिवारवालों से मिलने भी गए जिनके घर वाले एयरस्ट्राइक में मारे गए थे।
कैप्टन रैंक के ऑफिसर का पहरा
जैश की तरफ से इन्हें पैसों की पेशकश भी की गई ताकि वे अपना मुंह बंद रखें। उन्होंने यह भी बताया है कि बालाकोट में जहां पर ट्रेनिंग कैंप था वह जगह आज भी पाकिस्तानी आर्मी के नियंत्रण में हैं और यहां पर मुजाहिद बटालियन में कैप्टन रैंक का ऑफिसर सारा दिन मौजूद रहता है। यहां तक कि लोकल पुलिस को भी कैंप तक जाने वाली सड़क से गुजरने की मंजूरी नहीं है।