नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा बनाए ‘सबसे अधिक वजनी उपग्रह जीसैट-11 का पांच दिसंबर यानी बुधवार को फ्रेंच गुआना के एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से सफल प्रक्षेपण किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। बताया जा रहा है कि यह सैटेलाइट जीसेट-11 इसरो का बनाया अब तक का ‘सबसे अधिक वजन वाला उपग्रह है।
जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘हाई थ्रुपुट संचार उपग्रह है और इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है। इसे पहले 25 मई को प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन इसरो ने अतिरिक्त तकनीकी जांच का हवाला देते हुए इसके प्रक्षेपण का कार्यक्रम बदल दिया। शुरुआत में उपग्रह भू-समतुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा में ले जाया जाएगा और उसके बाद उसे भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
एरियाने-5 रॉकेट जीसैट-11 के साथ कोरिया एयरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (केएआरआई) के लिए जियो-कोम्पसैट-2ए उपग्रह भी लेकर जाएगा। यह उपग्रह मौसम विज्ञान से संबंधित है। हाल ही में इसरो ने अलग-अलग देशों के उप्रहों को भी सलफलता पूर्वक लांच किया था। अंतरिक्ष में भारतर की ताकत लगातार बढ़ रही है। इस ताजा उपग्रह से देश में मौसम की सटीक जानकारी लगाने में मदद मिलेगी। साथ देश में आने वाले तूफानों की जानकारी भी इससे लगाने में मदद मिलेगी।