नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज शाम संचार उपग्रह जीसैट-7ए लॉन्च करेगा। 2250 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के उपभोक्ताओं को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा। इससे खासतौर पर वायुसेना को संपर्क बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस सैटेलाइट से ग्राउंड रडार स्टेशन, एयरबेस और AWACS एयरक्राफ्ट को इंटरलिंक करने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा एयरफोर्स के ग्लोबल ऑपरेशन को भी बड़ा पुश मिलेगा। ना सिर्फ एयरबेस इंटरलिंक बल्कि ड्रोन ऑपरेशन, मानवरहित एरियल व्हीकल यानि यूएवी की ताकत भी इसके जरिए बढ़ेगी। इसरो के मुताबिक, लॉन्च होने के केवल 19 मिनट बाद ही, जीएसएलवी राकेट 2,250 किग्रा वाले जीसैट-7ए को भूस्थैतिक स्थानांतरित कक्षा (जीटीओ) में ले जाएगा।
आपको बता दें कि जीसैट-7A का निर्माण इसरो द्वारा किया गया है, ये सैटेलाइट आठ साल तक काम करेगा। जीसैट-7ए का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है और इसका जीवन 8 साल है। यह भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के यूजर्स को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इसरो नेवी के लिए रुकमणी लॉन्च कर चुका है। दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश ही अभी तक अपनी सेना के लिए सैटेलाइट लॉन्च कर चुके हैं।