उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। केदारनाथ धाम के कपाट लग्नानुसार आज सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किये गए। सेना की बैंड धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी भोगमूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। डोली पहले रामपुर में विश्राम करेगी। उसके बाद 31 अक्तूबर को बाबा की भोगमूर्ति ओंकारेश्वर मंदिर में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी।
यहां पर अन्य धार्मिक औपचारिकताओं को पूरा करते हुए ऊखीमठ प्रशासन व श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों की मौजूदगी में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए। ताले को सील करते हुए चाबी उपजिलाधिकारी वरुण अग्रवाल को सौंप दी गयी। रुद्रा प्वाइंट, लिनचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग में भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी।
30 अक्तूबर को डोली रामपुर से प्रस्थान करते हुए रात्रि विश्राम के लिए दूसरे पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुचेंगी। यहां बाबा केदार की डोली के आगमन पर एक दिवसीय मेला भी आयोजित किया जाता है। 31 अक्तूबर को बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति अपने शीतकालीन पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद छह माह तक श्रद्धालु आराध्य की पूजा यहीं करेंगे।