नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को आगरा से जोड़ने वाला देश का प्रसिद्ध यमुना एक्सप्रेस वे अब मौत का एक्सप्रेस पर बनता दिख रहा है। एक आरटीआई जवाब खुलासा हुआ है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर अगस्त 2012 से लेकर 31 मार्च 2018 तक के बीच कुल 4956 हादसे हुए हैं । जिनमें 718 लोगों की मौत हुई है और 7671 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
यमुना एक्सप्रेस पर हुए इतने एक्सीडेंट बताते हैं कि अब यह एक्सप्रेस सिर्फ यमुना एक्सप्रेस नहीं बल्कि मौत का हाईवे एक्सप्रेस बन चुका है। वही, तेज रफ्तार का प्रतीक बन चुके इस यमुना एक्सप्रेस पर सड़क हादसों की भी गिनती लगातार बढ़ती जा रही है। अब यह एक चिंता का विषय बन गई है। केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियों को प्रभावी हस्तक्षेप की जरूरत है। आरटीआई कार्यकर्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता के सी जैन की ओर से की जानकारी सरकार से मांगी गई थी।
एक्सप्रेस वे पर हादसे के कारण 718 लोगों की जान जा चुकी है. तेज ड्राइविंग सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण है, लेकिन इस बात को लेकर सरकार को कोई चिंता नजर नहीं आ रही है । सरकार इन सभी को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम उठाती हुई नहीं दिख रही है। इस पूरे मामले को आरटीआई के जरिए सामने लाने वाले जैन ने कहा कि एक्सप्रेस वेबसाइट पर जनवरी से अब तक में 130 से ज्यादा घटनाएं हुई है, जिसमें से 50 लोगों की जान चली गई है, लेकिन फिर भी सरकार का इस बात पर कोई ध्यान नहीं गया।