तेहरान: ईरान की जानी-मानी वकील को हिजाब और बुर्का के खिलाफ लड़ाई लड़ने और इन्हें मानने वाली महिलाओं का पक्ष लेने के लिए 148 कोड़ों और 38 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है। इनका नाम नसरीन स्तेयूदेह है और इन्हें न सिर्फ ईरान बल्कि दुनिया भर में मानवाधिकार मामलों से जुड़ा बड़ा वकील माना जाता है। 55 वर्षीय नसरीन ने उन महिलाओं का पक्ष लिया था जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने हिजाब को हटा दिया था। नसरीन ने कोर्ट में भी इन महिलाओं का केस लड़ा था।
साल 2010 में पहली बार हुईं गिरफ्तार
ईरान की कई महिलाएं पिछले दिनों आगे आईं थी और उन्होंने अनिवार्य हिजाब या बुर्का को उतार कर फोटोग्राफ सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। ईरान महिलाओं के हिजाब और बुर्का अनिवार्य हैं। कई महिलाओं ने तो इसका वीडियो तक बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। नसरीन को पिछले वर्ष जून में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ईरान ने उन पर जासूसी और सुप्रीम ईरानी लीडर के खिलाफ दुष्प्रचार फैलान का आरोप लगाया था।
नसरीन के पिता रेजा खानदान ने इस बात की पुष्टि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक ओपेन लेटर लिखकर की है। अब तक 119,977 लोग उन्हें रिहा करने से जुड़ी याचिका पर साइन कर चुके हैं। नसरीन को साल 2010 में जेल भेजा गया था। मगर उन्हें छह वर्ष बाद रिहा कर दिया गया था। साल 2010 में उन्हें प्रपोगेंडा फैलाने और साजिश के आरोप में जेल भेजा गया था। इस माह तेहरान स्थित रेवाल्यूशनरी कोर्ट के जज मोहम्मद मोकिसेह ने कहा था कि नसरीन को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए पांच वर्ष और सुप्रीम लीडश्र अयोतल्ला अली खामनेई का अपमान करने की वजह से दो वर्ष की सजा पहले ही दी जा चुकी है।