बिहार:राज्य में लगातार हो रही बच्चों की मौत से स्वास्थ्य व्यवस्था के सवालों से जूझ रही सरकार के लिए एक और शर्मिंदगी की खबर सामने आई है। बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में सरकारी अस्पताल से एक बच्चे की मौत होने पर शव ले जाने के लिए अस्पताल द्वारा एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाया गया।इस कारण बेबस और मजबूर पिता को अपने पुत्र का शव कंधे पर रखकर ही वापस घर ले जाना पड़ा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, नालंदा जिले के परवलपुर का रहने वाला बच्चा साइकिल चलाते हुए अचानक बेहोश हो गया था। बुखार और पेट में दर्द की शिकायत के बाद बच्चे पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां स्थिति नियंत्रित नहीं होने पर बिहारशरीफ स्थित सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया। मजबूरन पिता को बेटे का शव कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा।
वहीं जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने मामले का संज्ञान लिया है और सिविल सर्जन परमानंद चौधरी से इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।उन्होने कहा है कि आखिर शव वाहन रहते हुए भी जरुरतमंदों को शव वाहन क्यों नहीं दिए जाते? बता दें कि यह घटना उस समय में सामने आयी है जब बिहार के मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई। सरकारी अस्पतालों की स्थिति और वहां के संसाधनों को लेकर सवाल खड़े गए।