मालदीव: मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनावों में मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चीन समर्थक मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया है। इन चुनावी नतीजों को भारत के लिए एक अच्छे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। इब्राहिम हमेशा से ही भारत के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं। उनको भारत समर्थक भी कहा जाता है।
सोलिह ने दावा किया है कि उन्होंने लगभग 16 प्रतिशत मतों के अंतर से इस चुनाव में जीत दर्ज की है। आपको बता दें कि मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को वोट डाले गए थे जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था। मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति को तानाशाह की तरह माना जाता है। उन्होंने यह बात कई बार अपने निर्णयों से साबित भी की थी।
मतगणना से पहले यामीन की जीत की प्रबल संभावना जताई जा रही थी। जीत के बाद उत्साहित सोलिह ने कहा, श्यह खुशी, उम्मीद और इतिहास का पल है।श् अपने विपक्षी और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि यामीन को लोगों की इच्छा को स्वीकार कर सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण करना चाहिए।
इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि यामीन दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए चुनावों में धांधली कर सकते हैं। इन्हीं आशंकाओं के चलते यूरीपीय संघ सहित अमेरिका ने भी चुनावों की निष्पक्षता को लेकर चिंता जताई थी। अमेरिका ने तो सीधे-सीधे कहा था कि यदि लोकंतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं हुए तो मालदीव पर प्रतिबंध लग सकते हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने इसी साल फरवरी में मालदीव में आपातकाल की घोषणा करते हुए संसद को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं यामीन ने अपने खिलाफ महाभियोग की कोशिश कर रहे संसद सदस्यों, जजों और नेताओं को जेल में डलवा दिया था। इन चुनावों पर भारत भी करीब से नजर बनाए हुए था।