देहरादून: दक्षिण अफ्रीका में अपना बिजनेस एम्पायर खड़ा करने वाले सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं के ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने छापेमारी की। बीते मंगलवार को सुबह 9 बजे देहरादून, नॉएडा और मेरठ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम पहुंची है जोकि उनके घर, ऑफिस और उनके रिश्तेदारों के यहाँ जांच में जुटी। इनकम टैक्स की टीम ने दून के सात कर्जन रोड स्थित कोठी में भी सर्च किया। हालांकि गुप्ता परिवार फिलहाल देश से बाहर बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे इनकम टैक्स की टीम पुलिस लाइन पहुंची है। जहां से पुलिस टीम साथ लेकर टीम ने गुप्ता बंधुओं के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है।
टीम को को मिले 25 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण
छापेमारी की कार्रवाई आयकर की इन्वेस्टिगेशन विंग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के निर्देश पर उप निदेशक एसएन ठाकर के नेतृत्व में की गई। उस समय बंगले में गुप्ता बंधु के एक रिश्तेदार दंपती समेत करीब 20 नौकर मौजूद थे। कार्रवाई के दौरान टीम को संजय ग्रोवर के नाम पर 25 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले। वर्ष 2015 में यही राशि लोन के रूप में, जबकि वर्ष 2016 को इसी राशि को डोनेशन के रूप में दिखाया गया।
ऐसे आये थे चर्चा में
गौरतलब है कि पिछले महीने सहारनपुर के मूल निवासी गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के जैकब जुम्मा के इस्तीफे की वजह से चर्चा में आए थे। जब जैकब जुम्मा ने इस्तीफा दिया, उस वक्त अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता देहरादून में ही थे। यहां डालनवाला के सात कर्जन रोड पर उनकी आलीशान कोठी हैं। जिसमें गुप्ता बंधुओं में बहन-जीजा रहते हैं। तब दून और सहारनपुर में छापों की खबर आने के बाद गुप्ता बंधु दून से वापस लौट गए थे।
कौन है गुप्ता बंधु
यूपी के सहारनपुर जिले के रहने वाले अजय गुप्ता के पिता शिवकुमार गुप्ता की सहारनपुर में रायवाला बाजार में एक छोटी सी राशन की दुकान थी। अजय गुप्ता के दो भाई हैं जिनका नाम अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता हैं। पिता शिवकुमार गुप्ता परिवार के साथ सहारनपुर शहर के रानी बाजार स्थित एक छोटे से मोहल्ले में रहते थे। दुकान के पीछे ही उनका पुश्तैनी मकान था। अजय ने सीए का कोर्स किया तो भाईयों ने आईटी में इंजीनियरिंग की है।
बताया जाता है कि अजय गुप्ता साल 1985 में सहारनपुर से दिल्ली चले गए और वहां कुछ दिनों एक बड़े होटल में नौकरी की। इसके बाद नौकरी छोड़ दी और वर्ष 1993 में साउथ अफ्रीका चले गए। वहां अपने दोनों भाइयों के साथ मिलकर कम्प्यूटर से जुड़ा बिजनेस शुरू किया। बढ़ते व्यापार के साथ ही गुप्ता बंधु की दक्षिण अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा के बेटे से इस परिवार की नजदीकियां बढ़ीं।