रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के आधार पडाव गौरीकुण्ड में प्रशासन ने अतिक्रमण को लेकर बडी कार्यवाही की है। प्रशासन ने यहां पर करीब 30 निर्माणाधीन होटल व रैन बसेरों को घ्वस्त कर दिया है। जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है और ग्राम पंचायत ने ऐलान कर दिया है कि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना तो इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा के दौरान बैशाखी पर्व पर गौरामाई के कपाट नहीं खोले जायेंगे। साथ ही बाबा केदार की उत्सव डोली को गौरीकुण्ड से आगे नहीं जाने दिया जायेगा।
गौरतलब है कि यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड में प्रशासन व स्थानीय जनता आमने सामने आ चुकी है। यहां गुरूवार को स्थानीय महिलाओं व पुरुषों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व प्रशासन पर अनावश्यक उत्पीडन का आरोप लगाया। गौरीकुण्ड से ही बाबा केदार की पैदल यात्रा शुरु होती है। वर्ष 2013 की आपदा में गौरीकुण्ड पूरी तरह से नेस्ता नाबूत हो गया था जिसको लेकर यहां पर पुर्नर्निमाण के कार्य भी जारी हैं। स्थानीय लोगों ने यहां पर पूर्व की भांति छोटे होटल रेस्तरां का निर्माण कार्य शुरु कर दिया था और कई अस्थाई भवन तो बनकर भी तैयार हो गये थे। ऐसे में प्रशासन ने बिना नोटिस दिये इन भवनों को गिराना शुरु कर दिया जिससे स्थानीय लागों में भारी आक्रोश है।
मान्यता के अनुसार केदारनाथ बाबा की डोली गौरीकुण्ड पहुचने से पहले गौरामाई के कपाट खोल दिये जाते हैं और केदारपुरी जाने से पूर्व बाबा एक रात्रि यहां पर रात्रि विश्राम करते हैं। गौरामाई मंदिर को लेकर सभी हकहकूक गौरीकुण्ड के स्थानीय निवासियों के पास हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों द्वारा यह ऐलान किया जाना कि प्रशासन ने उनका उत्पीडन बन्द नहीं किया तो इस बार वे गौरामाई के कपाट नहीं खोलेंगे और बाबा की डोली को केदारपुरी नहीं जाने देंगे प्रशासन के लिए एक बडी चुनौती बनती दिख रही है।