देहरादून: देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में आज यानि शनिवार को 146 रेगुलर व 129 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के लिए पासिंग आउट परेड (PoP) का आयोजित किया गया। यह वर्ष का पहला पासिंग आउट परेड था जिसमें 333 भारतीय और नौ देशों के 90 कैडेट सेना के अधिकारी बने। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने पासिंग आउट परेड के अधिकारियों की समीक्षा की।
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विशेष रूप से, यह पहली बार था कि COVID-19 के प्रकोप के कारण कैडेटों के माता-पिता और रिश्तेदार इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे।आईएमए ने कहा कि कोविद-19 से बचने के लिए सभी सावधानी पूर्ण उपाय किए गए हैं। यह भारतीय सेना के यूट्यूब चैनल पर परेड के लाइव प्रसारण का एक कारण था।
आईएमए हर छह महीने में अपने कैडेटों के लिए एक पासिंग आउट परेड आयोजित करता है, जो भारतीय सेना की विभिन्न सेवाओं में शामिल होते हैं और विदेशी कैडेट भी अपने-अपने देशों में सेनाओं में शामिल होते हैं।
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पासिंग आउट परेड में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग अफसर पहुंचे। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया। रिव्यूइंग अफसर ने विजेताओं को पुरुस्कार वितरित किए। चीफ जनरल की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल के बाद कैडेटों को भारतीय सेना की शपथ दिलाई।
परेड में कैडेटों ने मुंह पर मास्क पहना था। वहीं पहली बार ऐसा भी होगा कि, कैडेट इस बार छुट्टी में अपने घरों को लौटने के बजाय अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। इस दौरान यूपी के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बने। बिहार से भी 31 कैडेट व हरियाणा से 39 कैडेट पास आउट हुए।
एक तरह जहां नेपाल सीमा पर इन दिनों तल्खी चल रही है, वहीं आईएमए से तीन नेपाली कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में अफसर बने है। बता दें कि, भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों को भी मौका दिया जाता है। इसके तहत ही इनका चयन हुआ है।
इसके बाद देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।