रुद्रप्रयाग: सरकार एक ओर हेली कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के दावे कर रही है। वहीँ दूसरी ओर केदारघाटी में सरकार के आदेशों को दरकिनार कर हेली सेवा संचालक मनमाने ढंग से हेलीपैड का निर्माण कर रहे हैं। आपको बता दें कि सरकार ने केदारघाटी में हेलीपैड निर्माण पर रोक लगा रखी है। 2016 में इसका बाकायदा आदेश भी जारी किया गया था। बावजूद इसके केदारघाटी में हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है।
केदारघाटी में हैलीकॉप्टर सेवा संचालक कायदे-कानूनों और सरकार के शासनादेश की जमकर धज्जियां उडा रहे हैं। चारधाम यात्रा में अब केवल एक माह ही बचा है, इसके बावजूद हेली सेवाओं का संचालन करने वाले लोग स्थानीय लोगों से जमीनें लीज पर लेकर हेलीपैड बना रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है। हैलो उत्तराखंड न्यूज ने इस मामले में पहले भी खबर प्रकाशित की थी, तब जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य रुकवाने की बात कही थी, लेकिन हेलीपैड का निर्माण कार्य लगातार जारी है।
केदारघाटी में नये हेलीपैड बनने की अनुमति नहीं होने के चलते भी जामू में तीन स्थानों पर नए हेलीपैड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इससे एक बात तो साफ है कि सरकार की ओर से रोक के बावजूद जो हेलीपैड बन रहे हैं, उनके निर्माण में किसी बड़े अधिकारी या राजनीतिक पहुंच रखने वाले का हाथ है।
बड़ी बात यह है कि गलत तरीके से बड़े स्तर पर निर्माण कार्य धड़ल्ले से खुलेआम चल रहा है और प्रशासन के क्षेत्रीय अधिकारी बिना किस रोक-टोक कार्यों को संचालित होने दे रहे हैं। अधिकारी कुछ दिन तो काम रोक देते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद यह काम फिर शुरू हो जाता है। यह सिलसिला पिछले एक साल से लगातार चला आ रहा है। इसके बाद भी न तो सरकार संज्ञान ले रही है और न सरकार के अधिकारी कोई कदम उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में प्रदेश सरकार ने केदारघाटी की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग को केदारघाटी में नए हेलीपैड नहीं बनने देने का शासनादेश भी जारी किया था। उसकी काॅपी केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। बावजूद इसके बडासू में पिछले साल 15 वां हेलीपैड बना दिया गया। इसके अलावा अन्य हेलीपैड का निर्माण इन दिनों खुलेआम चल रहा है।
वहीँ इन अवैध हेलीपैड पर जिलाधिकारी मंगलेश घिल्डियाल ने कहा कि इससे पहले यहाँ हो रहे निर्माण में जेसीबी जब्द की गई थी और बिना अनुमति ऐसे सभी लोगों पर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यहाँ बनने वाले हैंगर और रिसोर्ट बनाने के लिए भी अनुमति लेना आवश्यक है। हालाँकि यहाँ हो रहे निर्माण में कुछ लोगों ने उनके द्वारा टूटे स्थानीय लोगों के खेतों को फिर से निर्माण करने की बात कही, लेकिन साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी साफ़ किया कि यदि इसकी आड़ में यहाँ हेलीपेड बनाये जाते हैं तो उन्हें तुरंत सीज कर किया जायेगा।