नई दिल्ली: 2010 में कश्मीर से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) टॉप करने वाले शाह फैसल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फैसल आईएएस टॉप करने वाले पहले कश्मीरी थे। टॉप करने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें कश्मीर का यूथ आइकन भी कहा जाने लगा। फैसल के चयन को सरकार भी कश्मीर में बदलती परिस्थितियों का उदाहरण मानती थी। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे फैसल ने इस्तीफे की घोषणा भी सोशल मीडिया पर ही की।
उन्होंने ट्वीट किया था कि कश्मीर में हो रही मौतों के विरोध में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से कोई ईमानदार कोशिश भी नहीं हुई। फैसल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिन्दुत्ववदी ताकतों के हाथों 20 करोड़ भारतीय मुस्लिम गायब हो गए हैं, और सेकंड क्लास नागरिक बन कर रह गए हैं। फैसल ने कहा कि राज्य की विशेष पहचान पर वार किए जाते रहे। भारत में राष्ट्रभक्ति के नाम पर घृणा और असहिष्णुता का विरोध करते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। फैसल ने केंद्र में भाजपा नीत सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और यदि हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा।
गौरतलब है कि शाह फैसल ने वर्ष 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था, जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया। वह हाल ही में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में फुलब्राइट फैलोशिप पूरा करने के बाद अमेरिका से लौटे थे।