बागेश्वर: डबल इंजन की सरकार की योजनाएं धरातल पर पहुँचने से पहले किस तरह से धराशायी हो रही हैं, इसका एक उदाहरण बागेश्वर के गरूड ब्लॉक के तिलसारी में दिखा, जहाँ ग्राम स्वराज अभियान कार्यक्रम के तहत आदेश है कि, ग्राम स्वराज अभियान को हर न्याय पंचायत व ग्राम पंचायतो में आयोजित की जाय, लेकिन सरकार के अपने ही कर्मचारी व अधिकारी डबल इंजन की सरकार की इस योजना को पलिता लगा रहे हैं।
आपको बता दें कि, ग्राम सभा तिलसारी व न्याय पंचायत तिलसारी बहुत बडा खाद्यान्य उपज का क्षेत्र माना जाता है। यहाँ पर सरकारी कार्यक्रम केवल दिखावे के रूप में लगाया जाना ही अपने आप में सरकार की नाकामी को दर्शाता है। यहाँ अधिकारी गणो में जिला विकास अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी, ब्लाक प्रमुख सहित ग्राम प्रधान भी मौजूद रहे, लेकिन ग्रामीण किसान नदारत रहे। इसका कारण जानने के लिए जब हैलो उत्तराखंड की टीम आस पास के गांवों में पहुंची तो, ग्रामीणो का कहना था कि, ना हमे समय से बीज मिल पाता है और ना ही कृषि के कोई यंन्त्र। कभी बीज उपलब्ध भी कराए जाते हैं तो तब तक हमारी बुआई पूरी हो चुकी होती है। साथ ही खेती के जो यंन्त्र उपलब्ध कराये जाते हैं, वो पहाड के सीढ़ीनुमा खेतों के अनुकूल नहीं होते हैं। इसके अलावा ग्रामीणो का आरोप है कि, मनरेगा की योजनाओ के तहत हमे कोई भी रोजगार नहीं मिल रहा है। ग्रामीण खुद को डंबल इंजन की सरकार में इस हासिये पर खडा देख कर हताश हो रहे हैं।
वहीं मामले पर क्षेत्रीय विधायक और जिला कृषि अधिकारी से ग्रामीणो की दुख की गाथा से अवगत कराया गया तो कृषि अधिकारी मौर्या किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रहे हैं। साथ ही सरकार के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये अन्य विभागो से कर्मचारियो को बुला कर औपचारिकता निभाते दिखे। ग्रामीणो की आय दुगना करने कार्यक्रम था, लेकिन ग्रामीण ही इस भाषण बाजी से परेशान हैं। इसके साथ ही क्षेत्रीय विधायक इस मसले पर सरकार का बचाव करते नजर आये।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या इन हालातों मे सरकार की ग्राम स्वराज योजना के तहत ग्रामीणो को लाभ मिल पायेगा, जबकि नौकरशाही योजना से ग्रामीणो को नहीं जोड पा रहे हैं।