नई दिल्ली: मूल रूप रुड़की निवासी इंजीनियर निशांत अग्रवाल को यूपी एटीएस ने सोमवार को नागपुर से डीआरडीओ ब्रह्मोस मिसाइल सेक्शन से पाकिस्तान को सूचनाएं लीक हैं। ये मामला अब दूसरी तरफ मुड़ता दिख रहा है। दरअसल, पिछले दिनों यूपी एटीएस ने एक बीएएफ जवान को गिरफ्तार किया था। बीएसएफ जवान हनीट्रैप के जाल में फंस गया था। निशांत अग्रवाल का मामला भी उससे जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। यूपी एटीएस ने गृह मंत्रालय को जो अपनी रिपोर्ट में दी है। उसमें बताया गया है कि नागपुर डीआरडीओ लैब से गिरफ्तार किए गए इंजीनियर और हनीट्रैप में फंसे बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा को अपने जाल में फंसाने वाला एक ही हो सकता है। बीएसएफ जवान भी इसी तरह पाकिस्तान इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के जाल में फंस गया था और उसने सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां लीक कर दी थीं। इस काम को करने के लिए खूबसूरत महिला जासूसों का सहारा लिया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां पहले ही इस बात का खुलासा कर चुकी हैं कि आईएसआई सुंदर लड़कियां को सोशमी मीडिया की खास ट्रेनिंग देता है और फिर पाकिस्तानी लड़कियां भारतीय सैन्य अधिकारिसों और रक्षा से जुड़े लोगों को आॅनलाइन ताटगेट करती हैं। पिछले दिनों जिस बीएसएफ जवान को पकड़ा गया था। उसने भी पूछताछ में उसके हनिट्रैप में फंसने की बात कबूल की थी। यूपी एटीएस और सैन्य जांच एजेंसियों को कुछ ऐसे सुराग हाथ लगे हैं, जिससे निशांत अग्रवाल के भी हनिट्रैप में फंसकर देश के सुरक्षा संबंधी सूचनाएं लीक की हैं। अब सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
भारत की ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल ईकाई में काम करने वाले गिरफ्तार इंजीनियर निशांत अग्रवाल ने पाकिस्तान को कथित तौर पर आधुनिक मिसाइल से जुड़ी तकनीकी सूचना लीक की है। खुलासे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी रिपोर्ट से एटीएस के उन दावों को भी बल मिलता है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय अधिकारियों की मदद से देश के सुरक्षा प्रतिष्ठानों और योजनाओं के बारे में संवेदनशील जानकारी पाने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले सितंबर महीने में दिल्ली-एनसीआर में तैनात एक बीएसएफ जवान को भी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। जवान ने फेसबुक पर रक्षा पत्रकार की गलत पहचान वाली एक महिला पाकिस्तानी हैंडलर को संवेदनशील जानकारी लीक कर दी थी। जवान ने अपनी यूनिट की लोकेशन, तस्वीरें, ट्रेनिंग सुविधा की फोटो और अन्य संवेदनशील जानकारियां लीक की थीं। यूपी एटीएस ऐसे मामलों पर पैनी नजर रख रही है।