देहरादून: राज्य कैबिनेट की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से लोन की प्रक्रिया को आसाना बनाय गया। इसको लेकर नियमावली बनाई गई थी, जिस पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय को नेशनल हार्ट इंस्टिट्यूट के साथ सहभागिता की अवधि 31 मार्च, 2019 तक बढा दिया गया।
ऊधम सिंह नगर के किच्छा खुरपिया फाॅर्म में बची सीलिंग भूमि में से 80.63 एकड की भूमि सिडकुल को हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया गया। इस भूमि पर विभिन्न राजकीय संस्थान जैसे पुलिस स्टेशन, आईटीआई, मुंसिफ कोर्ट इत्यादि बनाए जाने हैं। खाद्य आयोग की वार्षिक प्रतिवेदन रिपोर्ट विधानसभा में रखने की अनुमति प्रदान की गई।
लोक सेवा आयोग के सुरक्षा नियमावली के अन्तर्गत पदों को अनुमति दी गई। साथ ही विधानसभा सत्रावसान को मंजूरी। एनसीईआरटी पुस्तकों का डीबीटी रेट में बढोतरी। कक्षा 1 से 5 तक 150 रूपये से 250 रूपये और कक्षा 6 से ऊपर 250 रूपये से 400 रूपये को मंजूरी प्रदान की गई। उत्तराखंड राजकीय प्राथमिक शिक्षा में संसोधन, पदोन्नति, अहर्ता एवं नियुक्ति के संदर्भ में की गई। टीईटी के बाद नियुक्ति का आधार श्रेष्ठता, मेरिट होगा। कार्मिक, सतर्कता एवं सुराज भ्रष्टाचार उन्मूलन विभागों को एकीकरण कर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के नाम को मंजूरी प्रदान की गई। तकनीकि विश्वविद्यालय के नियमावली को भी मंजूरी मिली।
न्यायिक कार्य हेतु 10 पूर्णकालिक विधि अधिकारी पदों को मंजूरी। इनका चयन मुख्य सचिव की समिति करेगी। उत्तराखंड मोटर यान कराधान अधिनियम 2003 को तार्किक बनाया गया। विद्युत बैट्री से सोलर वाहन टैक्स होगा। इससे राज्य की लगभग 100 करोड रूपये की आय बढ़ेगी। बैंको की प्रक्रिया के आधार पर होम स्टे नियमावली की लोन प्रक्रिया को तार्किक और आसान बनाया गया।
हरिद्वार में माॅडल विद्यालय के भूमि का प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग के स्थान पर शहरी विकास विभाग प्रस्तुत करेगा एवं राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को 7 वें वेतनमान की मंजूरी जनवरी, 2016 से दी गई। इससे 02 हजार शिक्षकों को लाभ होगा एवं 130 करोड रूपये का व्यय भार बढेगा। महाकुंभ 2021 के लिये मेला अधिष्ठान हेतु 45 पदों के सृजन को मंजूरी। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी पर देय 1 लाख 43 हजार 440 रूपये को माफ किया गया। साथ ही विवेकानन्द हैल्थ मिशन के अन्तर्गत संचालित हास्पिटल को भू परिवर्तन देय शुल्क 79.22 लाख को माफ किया गया।