नरेश नौटियाल की रिपोर्ट;
मसूरी: पहाडों की रानी मसूरी के समीप जौनपूर क्षेत्र में मनायें जाने वाले ऐतिहासिक व पौराणिक मौण मेला (मछली पकडने का त्यौहार) जंहा कभी टिहरी नरेश भी इस अनोखे पर्व को देखने के लिये मौण मेले में शिरकत किया करते थे, वह मौण मेला इस बार कोरोना महामारी के चलते स्थगित किया गया है।
बतादें कि एक साथ सामुहिक तौर पर मछली पकडने का यह अनोखा मेला है, जो प्रदेश के मात्र जौनपूर क्षेत्र में देश आजादी के पूर्व से ही मनाया जाता है। इस मेले में जनपद टिहरी के साथ ही देहरादून- उत्तरकाशी से भी बडी तादात में लोग यंहा आते थे।
स्थानीय निवासी प्रदीप कवि ने बताया कि कोरोना के चलते देश व प्रदेश में सभी तरह के आयोजन स्थगित किये गए है और जो हमारा पौराणिक मौण है, इस बार मेले को उस भव्य रूप में नहीं मनाएंगे जेसे मौण मेले को सदियों से मानते आये है। उन्होंने कहा कि मेले को पूरा जौनपुर छेत्र अपने घरों तक ही मनाएंगे और जो भी पकवान मौण मेले के दिन बनाए जाते है, उन्हें पूर्व की भांति बनाया जायेगा। मौण डालने के साथ ही जो सैकडों की संख्या में लोग नदी में कूदते थे और मछलीयां पकडने में जुटते थे, वह इस बार नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेले में सोसियल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं हो पायेगा, जिसको देखे हुए यह निर्णय लिया गया।
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