नई दिल्ली: हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि, पत्रकार और हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे का बुधवार को 78 वर्ष की अवस्था में दिल्ली में निधन हो गया. वे बीते 12 सितंबर से मस्तिष्क आघात (ब्रेन हैमरेज) की वजह से दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में इलाज करा रहे थे। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। ब्रेन हेमरेज की वजह से उनके शरीर का एक भाग पैरालेसिस से ग्रस्त था और वे कोमा में भी थे। उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, विष्णु खरे के ट्रीटमेंट में कई सीनियर डॉक्टर तैनात थे और न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के दो सीनियर ऑफिसर उनकी हालत पर नजर बनाए हुए थे।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जन्में विष्णु खरे ने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद हिंदी पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत की। वे कुछ समय तक ‘दैनिक इन्दौर’ में उप संपादक रहे और बाद में उन्होंने दिल्ली, लखनऊ और जयपुर में नवभारत टाइम्स के संपादक का काम संभाला। उन्होंने श्रीकांत वर्मा और भारतभूषण अग्रवाल के पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद भी किया है।
हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष बनने के बाद कुछ दिन से दिल्ली में रह रहे सुप्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार विष्णु खरे को नाइट ऑफ द व्हाइट रोज सम्मान, हिंदी अकादमी साहित्य सम्मान, शिखर सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से नवाजा जा चुका है।