नैनीताल: हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर व एससीईआरटी के अपर निदेशक अजय नौड़ियाल को अवमानना से बरी कर दिया है। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि उन्होंने ओबीसी अभ्यर्थी के लिए नया पद सृजित करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोर्ट ने तीन सप्ताह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार काशीपुर निवासी शैलेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसे सहायक अध्यापक की नियुक्ति में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने पांच अप्रैल 2017 को आदेश पारित कर ओबीसी का लाभ देने के निर्देश दिए थे। याचिका में कहा कि एकलपीठ के इस आदेश को सरकार की ओर से स्पेशल अपील दायर की गई थी। खंडपीठ ने 27 जून को सरकार की अपील को खारिज कर दिया। नियुक्ति न मिलने पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की। 31 अगस्त को कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर व नियुक्ति के बोर्ड में शामिल एससीईआरटी के अपर निदेशक अजय नौडि़याल को अवमानना नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने को कहा था। पिछली तिथि को निदेशक कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने बताया कि विभाग में सहायक अध्यापक ओबीसी का पद ही नहीं है। जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई और अवमानना का दोषी माना। सरकार की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता अभ्यर्थी की नियुक्ति के लिए पद सृजन करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके बाद कोर्ट ने शिक्षा निदेशक व अपर निदेशक को बरी कर दिया। इस दौरान शिक्षा निदेशक आरके कुंवर व एससीईआरटी के अपर निदेशक अजय नौड़ियाल कोर्ट में मौजूद रहे।