नैनीताल: हाईकोर्ट ने प्रदेश के बायो मेडिकल वेस्ट के उचित निस्तारण को लेकर चार सप्ताह में उत्तराखंड सरकार व् सभी जिलाधिकारियों समेत प्रदेश के उच्च अधिकारीयों को जवाब देने को कहा है।
दरअसल नैनीताल निवासी करण कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण रूल्स 7 व 8 के बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत किया जाना चाहिए। याचिका में कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट को जहाँ तहां डंप किया जा रहा है जिससे लोगों को गंभीर समस्या से गुजरना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि शासन में अधिकारी इसकी अनदेखी कर इसका समाधान तक नहीं कर रहे हैं। राज्य में स्थित सरकारी, गैर सरकारी, पशु चिकित्सालय, प्राइवेट क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, शेल्टर हाउस इत्यादि द्वारा कोई भी नियमावली का पालन नहीं किया जा रहा हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में केवल 23 सरकारी अस्पताल ही मानकों का पालन कर रहे हैं। याचिका में तत्काल प्रभाव से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए बायो मेडिकल रूल्स 2016 के नियमानुसार स्टेप्स लेने व इसके लिए वार्षिक अनुदान भी निर्गत करने की प्रार्थना की थी।
वहीँ मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश केएम जोसेफ एवम न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने केन्द्रीय सचिव पर्यावरण, भारत सरकार, केन्द्रीय पर्यावरण प्रदूषण परिषद, उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सभी जिलों के डीएम, 13 सीडीओ, सीएमओ, उत्तराखंड राज्य पर्यावरण नियंत्रण प्रदूषण परिषद व संबंधित अधिकारियों, ग्लोबल एजेंसी सहित अन्य को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।