नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य की सभी नदियों के किनारे भूमि के आवंटन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सरकार और राजस्व सचिव को आदेश दिये हैं कि जहां पर भी नदी किनारे आवंटन किया गया है उसकी जांच की जाए जिसमें ये देखा जाए कि कितनी जमीन पर धारा 132 के विरुध आवंटन किया गया है। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए तीन माह के भीतर पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि नदी किनारों की भूमि के आवंटन को निरस्त करने के साथ बेदखली की कार्रवाई नोटिस देकर करें। वहीं हाईकोर्ट ने सचिव राजस्व को आदेश दिया है कि 6 हफ्तों के भीतर अतिक्रणकारियों पर भी कार्रवाई करी जाए। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में कोई भी आवंटन नदियों के किनारे ना हो। कोर्ट ने आदेश दिया कि जो भी कार्रवाई इस पूरे मामले में की जाएगी उसकी रिपोर्ट 10 हफ्तों के भीतर हाई कोर्ट में पेश की जाए।
गौरतलब है कि देहरादून निवासी पवन कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि प्रदेश की सभी नदियों के किनारों पर नियम विरुध तरिके से भूमि का आवंटन किया गया है जो की जमीदारी अधिनियम 132 के खिलाफ है। याचिका में कहा कि जो भी राजस्व अधिकारी नदी श्रेणी की जमीनों पर 132 की कार्रवाई कर रहे है वो गलत है। याचिका में नियम विरुध तरिके से दिये आवंटन को रद्द करने की मांग के साथ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य में नदियों के किनारे आवंटन पर रोक लगाते हुए पूर्व में किये गये आवंटनों की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं।