नैनीताल: हल्द्वानी में कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी जंग का हथियार बना अंतरराज्यीय बस अड्डे का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से खर्च व शिफ्ट करने की वजह पूछी है। अंतरराज्यीय बस अड्डे के मामले में जनहित याचिका पर कोर्ट द्वारा 21 फरवरी को सुनवाई होगी।
गौलापार हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2008-09 में आइएसबीटी बनाये जाने को लेकर मंजूरी मिली थी। 2015 में बस अड्डे की भूमि वन विभाग ने परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दी। उसी साल उक्त स्थान पर 2,700 पेड़ों का कटान कर निर्माण शुरू हुआ। डीएम, डीएफओ, आरटीओ द्वारा भी प्रमाणित रिपोर्ट दी गई कि हल्द्वानी में कहीं बस अड्डे के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है। इसलिए उक्त भूमि को बस स्टेशन के लिए हस्तांरित किया गया। अब तक तीन करोड़ से अधिक की रकम इसमें खर्च की जा चुकी है। अब कहा जा रहा है कि बस अड्डे को शिफ्ट किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से पूछा है कि अब तक कितना बजट खर्च हो चुका है और बस अड्डे को शिफ्ट क्यों किया जा रहा है।