देहरादून: यूकाडा एक बाद एक कारनामे को अंजाम दे रहा है, लेकिन सरकार आंख बंद कर सबकुछ देख रही है। यूकाडा ने कुछ नए नियम बनाए हैं, जिससे चारधाम की हवाई यात्रा महंगी हो गई है। पहले चारधाम के लिए जहां यात्रियों को करीब साढ़े पांच लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। वहीं, उसी यात्रा के लिए करीब सात लाख रुपये का भगुताप करना होगा। इसी तरह एक धाम और दो धामों की यात्रा के टूरिस्ट पैकेज भी एक से डेढ़ लाख तक महंगे हो गए हैं।
यूकाडा के सीईओ ओम प्रकाश ने बाकायदा निर्देश जारी कर नए नियमों का अनुपालन करने के आदेश दिए हैं। यूकाडा की योजना यात्रियों की सहुलियत से कहीं अधिक कमाई पर है। यह समझ से परे है कि बीच सीजन में इस निर्णय को लेने की आखिर कौन से मजबूरी थी। अब नए नियमों की बात करते हैं। दरअसल, अब तक एक धाम की हवाई यात्रा का पैकेज करीब ढाई लाख रुपये था। नए नियमों के बाद यह पैकेज लबभग 3 लाख 10 हजार के करीब पहुंच जाएगा। दो धामों की बात करें तो इनका हवाई यात्रा का पैकेज 3 लाख 50 हजार था। नए नियम थोपे जाने के बाद हवाई यात्रा पैकेज महंगा होकर करीब 4 लाख 20 हजार को हो जाएगा।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूकाडा किस तरह मनमानी पर उतर आया है। एक तरफ सरकार धार्मिक यात्रा और पर्यटन की बात करती है। सरकार बाहर से आने वाले यात्रियों को कम दामों पर हवाई यात्रा कराने की बात कहती है। दूसरी ओर सरकार की योजना और नीतियों को यूकाडा पलीता लगाने का काम कर रहा है। बीच यात्रा सीजन में एक साथ हवाई यात्रा को करीब डेढ़ लाख रुपये तक महंगा करना यात्रियों पर भारी पड़ेगा, जिसका असर हवाई यात्रा पर भी देखने को मिलेगा। देखना यह होगा कि सरकार अधिकारियों की मानमानी पर ब्रेक लगाती है या फिर हेली टेंडर में मनमानी की तरह इस मामले में यूकाडा के सामने सरेंडर करती है।