अयोध्या : अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर राजनीति होती आई है। इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज (गरुवार) से सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने पिछली सुनवाई में यह साफ कर दिया था कि इस मामले में सुनवाई को टाला नहीं जाएगा। सात साल से लंबित अयोध्या विवाद पर गुरुवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। वहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकार की ओर से दिग्गज कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई में इतनी जल्दी क्यों है, उन्होंने कोर्ट से कहा था कि इस मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद होनी चाहिए।
पिछली सुनवाई में कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह साधारण विवाद नहीं है और इस मामले की सुनवाई से देश की राजनीति के भविष्य पर बड़ा असर पड़ेगा। सिब्बल और अन्य वकीलों ने मुस्लिम संगठनों की ओर से पैरवी करते हुए कहा था कि इस मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर करना चाहिए, साथ ही मामले की सुनवाई को 2019 तक टालने की भी अपील की गई थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा ने साफ किया कि वह इस मामले को जमीन विवाद के तौर पर देखा जायेगा। कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते में दस्तावेज तैयार करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले में अब कोई नया पक्षकार नहीं जुड़ेगा। मामले की अगली सुनवाई अब 14 मार्च को होगी।