नैनीताल: हाईकोर्ट ने हल्द्वानी निवासी रश्मि पांडेय की ओर से सुरक्षा दिलाने के मामले में दायर याचिका में सुनवाई के बाद पाया कि, सुरक्षा पाने के बहाने अदालत को गुमराह किया जा रहा है, जिस पर हाईकोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए इस मामले में अधिवक्ता सुरेन्द्र मील तथा उसके चालक को जेल और याचिकाकर्ता को नारी निकेतन भेजने के निर्देश दिए। वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवम न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार लालकुआं के हिम्मतपुर चौमुवाल निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी (याचिकाकर्ता) का राजस्थान के जयपुर निवासी युवक सोमपान के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। प्रेमिका की मां इसका विरोध कर रही है। मंगलवार को प्रेमी का अधिवक्ता सुरेंद्र मील निवासी जयपुर याचिकाकर्ता को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वह पढ़ना चाहती है लेकिन, उसकी मां जबरन किसी और से उसकी शादी करना चाहती है। याचिकाकर्ता की ओर से उसे सुरक्षा प्रदान किये जाने की मांग की थी। कोर्ट के सवालों के जवाब में विरोधाभास होने पर अदालत को शक हुआ। जिस पर खंडपीठ ने एसएसपी नैनीताल को दो बजे लड़की की मां को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए। जिसके बाद पुलिस याचिकाकर्ता की मां को लेकर नैनीताल पहुंची और 2 बजे कोर्ट में पेश किया। उसकी मां ने कोर्ट को बताया कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और उसके पति का देहांत हो गया है। पति के देहांत के बाद बेटी को इंग्लिश मीडियम से अच्छे स्कूल में पढ़ाया लेकिन उसका जयपुर में एनजीओ संचालक सोमपाल से प्रेम प्रसंग चलने लगा। माँ ने बताया कि सोमपाल पहले से ही शादीशुदा है और उसकी चार साल की बेटी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका में कहा कि उसकी मां उसकी शादी कहीं अन्य जगह करना चाह रही है। पक्षों की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने लड़की तथा अधिवक्ता के विरोधाभासी बयानों को गंभीरता से लेते हुए लड़की को नारी निकेतन तथा अधिवक्ता तथा उसके चालक को जेल भेजने के निर्देश दिए। कोर्ट के फैसले के बाद मल्लीताल कोतवाली के एसएसआई बीसी मासीवाल कोर्ट पहुंचे और अधिवक्ता और उसके चालक को पकड़कर कोतवाली ले आए।