नैनीताल : हाईकोर्ट ने प्रदेश में मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों की संख्या, उनके उपचार व उनको दी जाने वाली सुविधाओं के सम्बन्ध में भारत सरकार व राज्य सरकार से जवाब माँगा है। जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को 6 सप्ताह का समय दिया गया है।
हाइकोर्ट ने ये आदेश हरिद्वार निवासी डा.विजय वर्मा की ओर से मानसिक अशक्त व्यक्तियों के संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर पर फैसला करते हुए दिया। याचिका में कहा गया कि विभिन्न स्थानों पर जंजीरों में बांधे गए तथा विभिन्न शहरों आदि में घूम रहे मानसिक अशक्त व्यक्तियों को मानसिक शरण में भेजा जाए। याचिका में कहा कि मानसिक रोगी व्यक्तियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानून बनाकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने मानसिक अशक्त व्यक्तियों के जीने के मौलिक अधिकार को संरक्षित किए जाने की मांग की। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने भारत सरकार व राज्य सरकार को 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए कहा है कि सरकार बताए कि प्रदेश में कितने मानसिक अशक्त व्यक्ति हैं। उन्हें क्या उपचार दिया जा रहा है तथा क्या सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।