नैनीताल: मुख्यमंत्री के करीबी आईएएस अफसर स्टिंग ऑपरेशन मामले में मुख्य अभियुक्त बनाए गए समाचार प्लस के सीईओ उमेश शर्मा मामले में हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून के जिला जज को मामले में कल यानि शुक्रवार को फैसला लेने का आदेश दिया है। इसके अलावा स्टिंग मामले में पैसों के किसी तरह के लेन-देन का विवरण नहीं मिला है। जिससे सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उमेश शर्मा के अधिवक्ता ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
वहीँ सरकार को स्टिंग मामले में उमेश शर्मा के पॉलीग्राफी टेस्ट, नार्कोटिस्ट टेस्ट समेत सभी दिमाग संबंधी टेस्ट करने पर भी रोक लगा दी है। सरकार ने सभी टेस्ट कराने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने प्रार्थना वापस ले लिया। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
इसके आलावा मामले में मुख्यमंत्री के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह को भी पार्टी बनाया गया है व कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। साथ ही संजय गुप्ता व स्टिंग शिकायतकर्ता आयुष गौड़ को भी नोटिस जारी किया है।
उमेश शर्मा के अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि, उनके पास स्टिंग का विडियो है जिसमे, मुख्यमंत्री के भाई और भतीजे ने मुख्यमंत्री के नाम पर काम करने के बदले पैसे लिए हैं। जिसके चलते कोर्ट ने दोनों को पार्टी बनाने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि, सीएम के भाई को पार्टी बना दिया गया है और जल्द भतीजे को भी पार्टी बनाया जाएगा।