नैनीताल: हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) के स्टिंग मामले में सीबीआई (CBI) को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है। मामले की अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी। हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में आज सुनवाई हुई। पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने हरीश रावत की ओर से पैरवी की। सरकार व सीबीआई की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल ने पैरवी की। वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई की प्रारंभिक सीलबंद जांच रिपोर्ट देखी और सीबीआई के अधिवक्ता की दलील स्वीकार स्वीकार कर लिया है। वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआर मुम्बई केस में साफ कहा है राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल द्वारा लिए गए निर्णय असंवैधानिक हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद राज्य की सरकार फिर बहाल हुई तो कैबिनेट द्वारा स्टिंग मामले की एसआइटी से जांच का निर्णय लिया। इस पर राकेश थपलियाल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जिस पर आरोप हैं, उसे जांच एजेंसी तय करने का अधिकार नहीं है।
वहीँ सिब्बल ने इस पूरे प्रकरण को साजिश करार देते हुए कहा कि रविवार होने के बावजूद सीडी की प्रमाणिकता को लेकर चंडीगढ़ लैब से रिपोर्ट आ गई। साथ ही सिब्बल ने हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा के बीच बातचीत का ब्यौरा भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया।