नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रंगनाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में वंशवाद और जातिवाद के हावी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक पत्र के जरिये अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की है। जस्टिस रंगनाथ पांडेय इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के जज हैं।
Allahabad High Court judge Rang Nath Pandey has written a letter to PM Narendra Modi, alleging “nepotism and casteism” in the appointment of judges to High Courts & Supreme Court. pic.twitter.com/hA1PGyeFIg
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2019
जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने अपने पत्र में पहले पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस जीत ने राजनीति से वंशवाद का अंत कर दिया है। उन्होंने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि मैंने अपने अनुभव से यह महसूस किया है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई विसंगतियां हैं, जिनकी ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना मैं अपना धर्म समझता हूं और भारी मन से यह पत्र मैं आपको लिख रहा हूं।
जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने अपने पत्र में लिखा है कि देश में न्यायपालिका का बहुत सम्मान है और यह लोकतंत्र का आधार है। लेकिन न्यायपालिका में जातिवाद और वंशवाद घर कर गया है। यहां न्यायाधीशों की नियुक्ति जाति और परिवार के आधार पर होती है ना कि योग्यता के। उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए बताया कि राजनेताओं को जनता की अदालत में अपनी योग्यता साबित करनी होती है, प्रशासनिक अधिकारियों को प्रतियोगिता परीक्षा देनी होती है। निचली अदालतों के जज प्रतियोगिता परीक्षा देकर चुने जाते हैं, लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। स्थिति यह है कि यहां नियुक्ति परिवार और जाति के नाम पर हो रही है।