नैनीताल: हाईकोर्ट ने बलात्कार और पोक्सो संबंधी प्रत्येक मामले की ट्रायल कोर्ट में प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई करने और त्वरित निस्तारण के निर्देश देते हुए सरकार से पूछा है कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार ने अभी तक बलात्कार के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान क्यों नहीं किया। कोर्ट ने उत्तरकाशी में बालिका के रेप मामले की जांच एसआईटी से कराने और चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश देते हुए ऐसे मामलों के लिए प्रत्येक जिले में 48 घंटों के भीतर एसआईटी के गठन के भी निर्देश दिए।
उत्तरकाशी में 12 वर्षीय बच्ची से रेप और हत्या के मामले में उच्च न्यायालय ने अमर उजाला में प्रकाशित समाचारों का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को उक्त निर्देश दिए।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश देते हुए कहा है कि एसआईटी एसएसपी या एसपी के नेतृत्व में बनाई जाए जिसमें सहायक पुलिस अधीक्षक, सीओ, एक महिला इंस्पेक्टर, मनोचिकित्सक, काउंसलर तथा एक महिला सामाजिक कार्यकत्री को धमिल किया जाय। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने सरकार से यह भी बताने को कहा कि क्या वह प्रदेश में कृषि भूमि अन्य प्रदेशों के लोगों को बेचे जाने पर रोक लगाने पर विचार कर रही है।
खण्डपीठ ने उत्तरकाशी प्रकरण में मृतका के पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा है। खण्डपीठ ने सभी सोशल मिडिया पर रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने, उसका नाम जाहिर करने तथा उसकी धुंधली तस्वीर दिखाए जाने पर सख्ती से रोक लगाने को कहा।