नैनीताल: हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में सार्वजनिक भूमि पर सभी तरीके से कब्जा कर बनाये निर्माण को ध्वस्तीकरण करने के आदेश पारित किये हैं। कोर्ट ने मास्टर प्लान तथा हरिद्वार विकास प्राधिकरण के बिल्डिंग बायलॉज के विपरित बने आवासीय व व्यावसायिक निर्माण करने वालों को तीन सप्ताह का नोटिस देकर, दो सप्ताह में जवाब मांगने, फिर उसे ध्वस्त करने का आदेश सरकार व लोकल बॉडी को दिया है।
हरिद्वार विकास प्राधिकरण को वैधानिक प्रक्रिया अपनाए, बने धार्मिक स्थलों को सील करने के निर्देश दिए हैं। ऋषिकेश निवासी अनिल कुमार गुप्ता ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि, अतिक्रमण व अवैध कब्जों से तीर्थनगरी की सूरत बिगड़ गई है। सरकारी भूमि पर कब्जे किये गए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने ऋषिकेश में फुटपाथ से भी अतिक्रमण हटाने के सख्त आदेश दिए हैं। साथ ही साफ किया है सिविल व राजस्व कोर्ट से स्टे वाले मामलों को छोड़कर अतिक्रमण हटाना होगा।