नैनीताल: उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने श्रीनगर में निर्माणाधिन अलकनंदा हाइड्रो पावर कम्पनी लिमिटेड के परिषर में धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को तुरन्त हटाने के निर्देश एसएसपी टिहरी गढ़वाल को दिए हैं। साथ ही पावर प्रोजेक्ट को सुरक्षा मुहय्या कराने के आदेश भी दिए है।
मामले के अनुसार, एएचपीसी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि, अदालत ने पूर्व में एसएसपी टिहरी गढ़वाल को उक्त पावर प्रोजेक्ट की सुरक्षा देने के आदेश दिए थे, किन्तु इस आदेश के बाद भी श्रीनगर व उसके आस-पास के लोग मुआवजे को लेकर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे है। इसी विरोध के बीच पिछले दिनों ग्रामीणों ने एएचपीसी के डायरेक्टर को बंधक बना लिया था। एएचपीसी ने अदालत को बताया कि उसने 12 करोड़ से अधिक रूपये मुआवजे के रूप में ग्रामीणों को बांटे है। साथ ही प्रोजेक्ट में काम कर रहे सात सौ वर्करो में से छः सौ ग्रामीणों को रोजगार दिया गया है। इसके बावजूद भी कुछ ग्रामीण एएचपीसी को ब्लैक मेल करने में तुले हैं और प्रोजेक्ट के गेट पर रोज धरना प्रदर्शन कर रहे है। इनमे दौलत कुंवर, राजेन्द्र कुमार मूयाल, जय कृष्ण भट्ट, आयुस मियान, महाबीर मियान, उत्तम सिंह भंडारी शामिल है। जनके खिलाफ कीर्ति नगर थाने में मुकदमा दर्ज है, किन्तु पुलिस ने अभी तक इनको गिरफ्तार नही किया है। इसलिए याचिकर्ता ने प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने उक्त आदेश दिए है। साथ में सरकार से 21 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है।