मसूरी: जौनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बंगसील देवलसारी में भाद्रपद में होने वाले पंचमुखी कोणेश्वर भगवान का थौल मेला बडे हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर जहाँ एक तरफ श्रद्धालुओं ने पालकी के दर्शन किये, वहीं दूसरी ओर लोक संस्कृति की छटा से पूरा क्षेत्र सराबोर रहा है।
अपनी पौराणिक लोक संस्कृति को संजोये जौनपुर जौनसार में आज भी प्रत्येक तीज त्यौहार बडे धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी तर्ज पर ग्राम बंगसील देवलसारी में पंचमुखी केदार कोणेश्वर महादेव का थौल मेला का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं ने भगवान कोणेश्वर की पालकी के दर्शन कर श्रृष्टि की खुशहाली की कामनायें की है।
ग्रामिणों के मुताविक प्रत्येक वर्ष बैसाख और भाद्रपद में कोणेश्वर की पालकी श्रद्वालुओं के लिये बाहर निकाली जाती है। वहीं भाद्रपद में एक वार देवलसारी और एक बार बंगसील के मंन्दिर में पंच केदार कोणेश्वर महादेव के नाम की हरियाली डाली जाती है। जिसका इंन्तजार हर ग्रामवासियों को बेसब्री से रहता है। इन दिनों पर क्षेत्र का हर नौकरीपेशा वाला व्यक्ति व ससुराल गई सभी महिलाएं भगवान के थौल मेलाओं में गॉव आती है।
ग्रामीण बताते है कि थौल मेला का आयोजन पारम्परिक रिति रिवाजों के साथ आज भी किया जाता है, गाँव में पालकी के आते ही माहौल काफी उत्साही रहता है। मंन्दिर में सांय के समय पुजारी द्वारा भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, उसके बाद पूरी रात जागरण के रूप में वाद्य यंत्रों की थाप पर पांडव नृत्य और लोक गीतों की धूम रहती है। दोपहर में पालकी का जलाभिषेक किया जाता है और उसके बाद पंचायती चौक में पालकी को नचाया जाता है, जहां पर बडी तादात में लोग पालकी के दर्शन करते हैं, वही सांय के समय पर पालकी को देवलसारी मन्दिर में बैसाख तक स्थापित किया जाता है, विदाई का वक्त यहाँ देखते ही बनता है, लोग भाव विभोर होकर अपने कुल देवता को गांव से विदाई देते हैं।