पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में इस बार काश्तकारों की कड़ी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। पहाड़ों में पिछले तीन महीनों से बारिश नहीं होने से काश्तकारों के सामने संकट पैदा हो गया है। आलम ये है कि सूखे के चलते रवी की फसलें खराब हो रही है। बारिश नहीं होने से गेहूं और मसूर की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। नमी नहीं होने से अनाज के बीज पौध नहीं बन पा रहे है और जो बन भी रहे है तो वे आसमान से गिर रहे पाले की चपेट में आकर नष्ट हो रहे है।
इस मौसम में खेतो में जहाँ हरियाली होनी चाहिए थी वहाँ हर तरफ सूखा ही सूखा नज़र आ रहा है। आगे भी अगर इसी तरह मौसम काश्तकारों से रूठा रहा तो उनको और अधिक नुकसान होने की संभावना है। कृषि विभाग भी काश्तकारों को हुए नुकसान के आंकलन में जुट गया है। जल्द ही नुकसान का आंकलन कर शासन को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।