देहरादून: चर्चाओं में रहने वाले मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर चर्चा में हैं। कई आपत्तियों के बावजूद हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड में एईओ रही दमयंती रावत का प्रमोशन कर उनको सचिव बना दिया है। जबकि यह प्रमोशन पूरी तरह नियमों के विपरीत है। सचिव पद पर पहले आईएएस/पीसीएस स्तर के अधिकारी की ही नियुक्ति की जाती रही है, लेकिन सरकार ने दमयंती के लिए बाकायदा नियमावली में बदलाव कराकर उनको सचिव पद पर प्रमोशन दिया गया।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड में एईओ रही दमयंती रावत का अब प्रमोशन हो गया है। वो अब इस बोर्ड की सचिव बना दी गई हैं। बोर्ड में उनकी पिछली तैनाती भी विवादित रही थी। मामले को लेकर शिक्षा विभाग से भी एनओसी नहीं देने के कारण विवाद हो गया था। इस बार हरक सिंह के मंत्रालय ने सारे नियम दरकिनार कर दमयंती रावत को कर्मकार बोर्ड का सचिव बना डाला।
नियमानुसार किसी अन्य विभाग में पद ग्रहण करने से पहले अधिकारी को अपने मूल विभाग से एनओसी लेनी होती है। लेकिन श्रम विभाग के अंर्तगत आने वाले उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनकी तैनीती कर दी गई है। माना जा रहा है कि, शिक्षा विभाग से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक फाइल पहुंचने के बाद इस मामले में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि नियुक्ति के लिए दमयंती रावत की ओर से एनओसी ली गई या नहीं। यह बात भी सामने आई कि उन्होंने कृषि विभाग से एनओसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन यह साफ नहीं है कि उनको एनओ मिली है या नहीं। जबकि उनका मूल विभाग शिक्षा विभाग है।