देहरादून: चारधाम यात्रा सहित छोटा कैलाश यात्रा को लेकर सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। छोटा कैलाश के लिए 200 से ज्यादा यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें कई यात्री हवाई सेवा से छोटा कैलाश यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने अब तक हवाई सेवा के प्रस्ताव को ही लटका कर रखा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि डबल इंजन की सरकार यात्रा के लिए कब जागेगी। जिस गति से सरकार की तैयारी चल रही है। उस स्पीड से लगता नहीं कि यात्रा के लिए समय से हवाई सेवा की अनुमति मिल पाएगी, जिसका नुकसान सरकार के साथ ही हेली सेवा आॅपरेटरों, केएमवीएन और यात्रियों को उठाना पड़ सकता है।
केएमवीएन ने करीब पांच माह पूर्व पिथौरागढ़ में बैठक के दौरान यह निर्णय लिया था कि जरूरत पड़ने पर या रास्तों के बंद होने की स्थिति में हेलीकाॅप्टर से छोटा कैलाश की यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए बाकायदा प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया, लेकिन अब तक उस प्रस्ताव को न तो रिजेक्ट किया गया और न ही सरकार ने हवाई सेवा की अनुमति दी है। यही हाल केदारनाथ और अन्य धामों में हेली सेवा का भी है। जहां सरकार ने गत वर्ष के टेंडर की शर्तों को ही पूरी तरह बदल दिया, जिससे ज्यादातर आॅपरेटर हेली सेवा से बाहर हो गए।
इधर, केएमवीएन बाकी तैयारियां तो पूरी कर चुका है, लेकिन हेली काॅप्टर से यात्रा को लेकर निगम अधर में लटका हुआ है। शासन को कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया। केएमवीएन के जीएम त्रिलोक मर्तोलिया ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन अब तक हवाई सेवा की अनुमति शासन से नहीं मिली है। हेली सेवा के लिए सरकार को अनुमति देनी है। तभी उस पर आगे का काम हो पाएगा।