देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वनाधिकार आन्दोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने प्रधानमन्त्री, केंद्रीय मानव संसाधन मन्त्री व राज्य के मुखमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षार्थियों को हो रही असुविधा, शारीरिक हानि, मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक हानि की ओर ध्यान आकृष्ट कर युवा पीढ़ी के भविष्य को बचाने हेतु प्रभावी व सटीक उपाय करने हेतु कहा है।
उपाध्याय ने अपने पत्र में कहा कि 22 मार्च से अब तक शिक्षा के क्षेत्र हेतु केंद्र व राज्य सरकारें उदासीनता बरत रही हैं। सरकारी और ग़ैर सरकारी क्षेत्र के शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे है और अब उसमें “डेटा प्रदाता” क्षेत्र भी शामिल हो गया है। इन विद्यार्थियों का भविष्य क्या होगा? आज अत्यन्त चिन्ता का विषय है।
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