दीपक जोशी की रिपोर्ट;
पिथौरागढ़: उत्तराखंड राज्य में लोगो का भरोसा जीत चुकी इमरजेंसी सेवा 108 के बेड़े को दोगुना कर इसको वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी CAMP अर्थात “कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्राम” को देने पर कल उत्तराखंड कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 108 सेवा गर्भवती महिलाओं हेतु सबसे बड़ा सहारा हैं। इसके अतिरिक्त किसी भी दुर्घटना, बीमार को नजदीकी अस्पताल पहुचाने या क्रिटिकल मरीज को हायर सेंटर पहुचाने में सदैव आगे रही है। किसी भी आपदा के समय सबसे पहले घटनास्थल पर भी इस सेवा के कर्मी पहुच कर प्रशासन व पुलिस की मदद करने में सबसे आगे रहे हैं। अभी तक 108 सेवा में पूरे उत्तराखंड में 139 और पिथोरागढ़ जिले में 9एम्बुलेंस संचालन हो रहा था। कई बार एम्बुलेंस के अन्य केस में व्यस्त होने या एम्बुलेंस की स्थियी अधिक दूर होने की वजह से कई पहाड़ी क्षेत्र के मरीजों को इसका लाभ नही मिल पाता था अथवा एम्बुलेंस देरी से पहुचती थी। अर्थात रेस्पॉन्स टाइम अधिक होता था।
इस बार सरकार ने 132 और नयी एम्बुलेंस जोड़ने का फ़ैसला लिया है जिसमे 70 एम्बुलेंस की खरीद भी हो चुकी है। अब जिन दो लोकेशन के बीच अधिक दूरी है, वहां एक और अतिरिक्त एम्बुलेंस लगाई जाएगी, जिससे रेस्पॉन्स टाइम तो कम होगा ही, साथ ही अधिक से अधिक लोगो तक इस सेवा का लाभ मिल सकेगा। पिथोरागढ़ जिले को 7-8 नई एम्बुलेंस मिलने से अब इनमें से कुछ को उन स्थानों में तैनात किया जाएगा, जहाँ इनकी सर्वाधिक आवश्यकता प्रतीत होती थी।
अभ तक 9 एम्बुलेंस पिथोरागढ़, मूनाकोट, कनालीछीना, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, थल, बेरिंगव गंगोलीहाट में तैनात थी। जो प्रस्ताव 108 प्रभारी परम पन्त द्वारा भेज गया है, उसके मुताबिक थल व मुनस्यारी के बीच तेजम, मुनस्यारी व धारचुला के बीच मदकोट या बरम, गंगोलीहाट व पिथोरागढ़ के बीच घाट पनार, थल व पिथोरागढ़ के बीच बुंगाछीना, सीमावर्ती झूलाघाट, पंचेस्वर के सल्ला चिंगरी, गणाई गंगोली के साथ पिथोरागढ़ में एक अतिरिक्त एम्बुलेंस प्रस्ताव रखा गया क्योंकि अक्सर पिथोरागढ़ की एम्बुलेंस किसी रेफेर मरीज को अल्मोड़ा व हल्द्वानी ले जाती है, जिससे एम्बुलेंस नही रहती। अतः एक एम्बुलेंस रेफेर मरीजो हेतु अलज से लगाये जाने का प्रस्ताव है।
108 सेवा प्रभारी परम पन्त द्वारा बताता गया कि सभी पर्वतीय जनपदों में पिथोरागढ़ जिले में सबसे अधिक केस आते हैं और सबसे अधिक आवश्यकता भी पिथोरागढ़ जिले को है इस सेवा की।
इसी महीने इन बढ़ी हुई एम्बुलेंस का हैंडओवर होना है और अधिकांश को पहले कुम्भ क्षेत्र में चलाया जाएगा और इसको बाद सभी एम्बुलेंस अपनी निर्धारित लोकशन में भेज दी जाएंगी। उक्त नई एम्बुलेंस हेतु स्टाफ की भर्ती भी लगभग पूरी हो चुकी है कुछ की ट्रेंनिंग हो गयी है कुछ की हो रही है।